घुग्घुस नगर परिषद मे समस्याओ का अंबार
सप्ताह मे केवल तीन दीन होते है सीओ
नगर परिषद मे भ्रष्टाचार और गंदगी का आलम
घुग्घुस : औद्योगिक शहर के नाम से पहेचाने जानेवाला नगर परिषद मे विकास के नाम पर भ्रष्टाचार और गंदगी के साम्राज्य पनप रहा है। रिश्तखोरी,दलाली मे अधिक बढ रहा।इसके पुर्व ग्राम पंचायत मे भी बडा भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ था।परंतु सरपंच का ढोल का पोल खुलने के पुर्व भ्रष्टाचार के फाइल आग मे जलकर खाक हो गई। वह भ्रष्टाचार कानून के शिकंजे से बाहर निकल कर बच गया।
उसी तरहा शहर विकास के नामपर आज भी नगर परिषद मे बडा भ्रष्टाचार लिप्त होने की जानकारी संबंधित विभाग,तथा जानकारो से मिल रही है।
सन 2020 मे महाविकास आघाडी सरकार ने महाराष्ट्र शासन से नोटीफिकेशन मंजूर कराने बाद घुग्घुस ग्राम पंचायत का रूपांतर नगर परिषद मे हुआ।परंतु नगर परिषद होकर तकरीबन चार वर्ष बीतने वाले है।अभी तक नगर परिषद का चुनाव नही हुआ।आज तक घुग्घुस नगर परिषद को कोई स्थाई सीओ नही मिलने से शहर का विकास नही हो रहा।शहर विकास के लिए सरकारी फंड,सरकारी टेंडर,टॅक्स मे बडा भ्रष्टाचार पनप रहा है।मतभेद से थोडे कुछ टेंडर को उजागर किया जाता है।अधिकांश टेंडर उसी को मिलता है जो सिओ के करीब तथा उनकी चाटुगीरी करता है।अन्य लोगो को दस्तावेज मे खराबी तथा पञ नही आने का बहाना बताकर दरकिनार कर दिया जा रहा है।प्राप्त जानकारी नुसार भाजप के किसी बडे नेता के सहयोग तथा साठगांठ से नगर परिषद मे सभी का कार्य चल रहा।
नाली खोदकाम,वृक्षारोपण, रोड निर्माण,वायरलेस बिजली आपुर्ती केबल बिछाने का काम, आठवडी बाजार,गुजरी बाजार अदी टेंडर मे बडी धांदली होने का मामला सुनाई दे रहा।
वृक्षारोपण अभीयान कि धज्जीयां
पेड लगाओ पेड बचाओ वृक्षारोपण अभीयान मे अंदाजन तीन हजार महेगे पेड सृष्टी सुरक्षा के पर्यावरण दृष्टी से बुलाए गए थे।परंतु उसमे कुछ हजार पेड को लगाकर वृक्षारोपण के फोटो खुब खिचवाए गए।अधिकतर पेड के देखरेख,रखरखाव,पाणी नही मिलने से पेड सुखकर बर्बाद हो गए है।वृक्षारोपण के लिए बुलाए गए हजारो जिंदा पेड को श्मशान भुमी से डंपिंग यार्ड कालरी नं 2 मे कचरे के भाव से फेक दिया गया है।पशुवैदकिय अस्पताल मे पाच सौ से अधिक गड्डे मशीन से खुदाए गए थे वह आज तक खाली पडे है।जिसमे आज तक एक पेड भी नही लगा।शहर के बहादे प्लाट, अमराई, घुग्घुस बस्ती,लाॅयड्स मेटल,श्मशान भुमी,साई नगर,चादणी नगर, बाल उद्यान अदी जगह पर वृक्षारोपण मे हजारो पेड लगाए गए थे।परंतु जीवीत कवडी भर के पेड दिख रहे है।वृक्षारोपण अभीयान मे सरकार वर्ष के लाखो करोड रू खर्च करती है परंतु पेड न बचता है ,न दिखता है।
नगर परिषद मे गंदगी का आलम
बरसात के मौसम मे नागरिको साफ पानी नही मिल रहा है।खराब पानी पीने से बिमारी बढकर दवाखाने मे मरीजो की संख्या बढ रही।शहर के भीतर सडके उखडी,दरारो से क्षतिग्रस्त है।बारीश मे जगह जगह सडको पर पाणी का जमाव हो रहा है।गंदे,नाली,के जमाव पाणी से स्कुली छात्र तथा स्थानिक लोक पाणी मे घुसकर पैदल चल रहे है।रोड के ऊपर तथा मकान के आजुबाजु मे नाली का गंदा पाणी जमा होने से मच्छर बडी संख्या मे पनप रही।मच्छरो के आतंक से महामारी जैसे वायरल बिमारी बढ रही।शहर मे कई जगह पर रात मे जलने वाली स्ट्रीट लाईट भी नही लगे है।अंधेरे मे सडको पर सांप बिच्छु काटने का भय नागरिक मे व्यप्त है।अंगणवाडी,बाल उद्यान का भी प्रबंधन ठीक से नही किया जा रहा है।अंगनवाडी के सामने कई जगह पर खुले गटर का पाणी बहे रहा।कचरा,घास,मल्बे कि कोई सफाई नही।बच्चो के लिए बनाए गए बाल उद्यान मे पुर्णता से सुविधा उपलब्ध नही है।बाल उद्यान मे लगाए गए पेडो मे पाणी नही देने से मर चुके है।बरसात मे उगे घास,कचरा,की कोई सफाई नही हो रही।बाल उद्यान मे मल्बा,किचड,कचरा जमा होने से मच्छर,साफ,बिच्छु का प्रमाण बढ गया।बच्चो को झुलने तथा खेलने के लिए लगे सभी लोहे के सामग्री टुटकर नीचे गीरे है।लाखो रू लागत से बनाए गए बाल उद्यान के सामान चोरी हो रहे।सुरक्षा के प्रति नगर परिषद का कोई ध्यान केंद्रित नही है।
छाञ तथा नगर निवासीयो को दस्तावेज की समस्या
नगर परिषद मे मुख्यधिकारी हमेशा उपलब्ध नही होने से स्कुली छाञ तथा नगर निवासीयो को दस्तावेज प्राप्त नही हो रहा।दस्तावेज के लिए छात्र तथा नगर निवासीयो को चंद्रपुर मे समय और पैसा खर्च करने साथ आनेजाने का जोखीम उठाना पड रहा।समस्या से नागरीक तथा छात्र परेशान है।
ग्रीष्मकाल मे जलपुर्ती का अभाव
शहर मे नगर परिषद द्वारा जलपुर्ती योजना के तहत नल योजना,आँरो मशीन,बोरीग,कुआ,अदी उपलब्ध है।परंतु ग्रीष्मकाल के सुरू होते ही नल मे समय समय पर पानी नही गीरता।कुआँ मे पानी गहराई तक सुख जाता है।शहर प्रत्येक वार्ड मे बोरींग लगे है।परंतु वह भी सडे,टुटे फुटे अवस्था मे चल रहे है।तीस-चालीस से अधिक बोरीग बंद पडे है। पाणी के अभाव से जनता ञस्त है।
कर्मचारीयो को समय पर काम का नही मिलता वेतन
नगर परिषद मे सफाई कर्मचारी,धक्का गाडी चलाने वाले कर्मचारीयो को महीने मे बरोबर काम का वेतन समय पर नही दिया जाता।तीन/चार महीने मे एक बार वेतन मिलने से गरीब परीवार का घर नही चल रहा।खाने,पीने,शिक्षा,दवाई,पढाई मे अधिक पैसा लगने सफाई कर्मचारीयो मे नगर परिषद के प्रति उदासीनता है।
नगर परिषद के कुछ पदधिकारीयो मे भी भ्रष्टाचार कि बुं पनप रही है।जप्ती मे किए गए मोटर,पाणी टंकी से नगर परिषद के निकाले लगे समान का कोई हिसाब किताब नही है।
नागरीक,सामाजिक कार्यकर्ता तथा जनप्रतिधीयो ने जिला प्रशासन से समस्या का समाधान करने कि मांग कि है।अन्यथा आनेवाले कुछ दिनो मे नगर परिषद प्रशासन के खिलाफ आदोलन करने कि चेतावनी दी गई।