अमलनाला उद्यान के निर्माण से जिले में सौंदर्य बढा,पर्यटकों की बढ़ रही भीड़
अमलनाला बांध को नैनीताल का रुप दे दिया!
घुग्घुस : चंद्रपुर जिले के कोरपना तहसील अंतर्गत गड़चांदूर के समीपस्थ चारो ओर से हरे भरे पेड़ पौधे से भरा पहाड़ियों के बीचों बीच मे स्थित धरती के गोद में खेलते नदी पर बना अमलनाला बांध का सौंदर्य पर चार चांद लग चुका है।
यहा पर हर तरफ से सुखद वातावरण और ताजी हरयाली पहाडी हवा से मेल खा रही है। जंगलों के बीचों बीच सुनसान खुले हवा और सुनसान जगह पर बने उद्यान हरे भरे पहाड़ीयों के बीचों बीच स्थित है।यहा पर हर प्रकार के रास्ते भी है।नाव पर सवार होकर उन साफ सुथरे पाणी में नौकायन कर रहे हो तो ऐसा लगेगा कि आप थोडी देर के लिए किसी अनोखे दुनिया में शहर कर रहे हैं। हमारे देश में हमारा इतिहास और संस्कृति बहुत पुरानी है।यहा पर घुमने के लिए बहुत ही शांत और खुबसूरत जगह है।यहा के पुरातत्व मंदिर और मानीकगढ किल्ला से इतिहास भी जुडा है।हमारा देश प्राकृतिक रचनाओं से भी खुब धनी हैं।पेड पौधे से भरा हरा भरा पहाड,नदी,बांध,झरने,रंग बिरंगे फूल,पक्षी,की प्राकृतिक अजूबे यहा मौजूद हैं।सबसे अधिक कमाल कि बात यह है कि यहा पर आपको शुद्ध हवा, हरीयाली और तनाव में मन को शुकून देनेवाली प्राकृतिक का देखनेवाला नजारा मिलेगा।इस वजह से देश विदेश के लोग इन जगहों को देखने के लिए आते हैं। तनाव और स्ट्रेस से राहत पाने के लिए वेकेशन पर जाना या किसी शांत और खुबसूरत जगह पर छुट्टीया बिताना सबसे अच्छा तरीका भी माना जाता है। इसके लिए अक्सर लोग मशहूर पर्यटक स्थल की ओर भागते हैं।
लेकिन कुछ एसी भी जगह पर प्रदुषित वातावरण,भीड भाड, शोरगुल के कारण सुकुन से समय बिताना मुश्किल हो जाता है। लेकिन अमलनाला उद्यान जिला सहीत पुरे देश विदेश से आनेवाले पर्यटकों के लिए यह क्षेत्र अब आकर्षण का केन्द्र बन गया है। समाजिक कार्यकर्ता इबादुल सिद्दीक़ी के प्रयासों से यहां 7 करोड़ की लागत से निर्मित उद्यान ने परिसर का सौंदर्य बढ़ा दिया है।सन 2015 से शासन प्रशासन में लगातार ज्ञापन, निवेदन सौपने बाद सन 2021 में अमरनाला उद्यान बनकर पर्यटकों के सेवा में उपलब्ध हुआ।
स्कुली छुट्टी हो या दीपावली अवकाश के समय यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ जुटी रहेती है।ग्रीष्मकाल में यह क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र स्थल बना है। उल्लेखनीय है कि अमलनाले का जल स्थानीय सिमेट उद्योग, खेती,किसान और मछुआरों के लिए उपयोग में काम आता है।यहां के प्राकृतिक दृष्टि,सौंदर्य को देखते हुए शासन ने इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्थापित किया है।
चंद्रपुर जिले में ताड़ोबा अंधारी बाघ परियोजना, बल्लारपुर में बोटानिकल गार्डन के बाद अब अमलनाला बांध के विकास के बाद तीसरा ऐसा क्षेत्र बन गया है जहां पर्यटकों को मनोरंजन करने के लिए काफी कुछ मौजूद है।सामाजिक कार्यकर्ता ईबादुल सिद्दीकी के प्रयास से इस परियोजना को निधि प्राप्त हुई।अमलनाला बांध गड़चांदूर शहर के समीपस्थ माणिकगड़ हरे भरे घने जंगल टेकड़ियों से जुड़ा हुआ है। प्राकृतिक रूप से ऊंची टेकड़ियों से बहता हुआ पानी यहां रोका जाता है।इसी तरह स्थिति नैनीताल झीलों की भी है।जहां पहाड़ियों से पानी उतरकर जल झीलों में जमा होता है।
प्राकृतिक के इस अदभुत सौंदर्य को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है।उद्यान के निर्माण के बाद जिले में अमलनाला बांध पर्यटकों के आकर्षक का केन्द्र बन गया है।चारों और घना जंगल और पहाड़ों के बीच बांध का लुत्फ लेने के लिए दूर दूराज से पर्यटक आ रहे है।यहां कुछ दूरी पर ही माणिकगड़ किला है।
मनोरंजन की सुविधाएं आकर्षित कर रही है। यहां उद्यान में वॉटरपार्क,बोटिंग, बच्चों के लिए बगीचा,खेलकूद स्थल और मनोरंजन के साधन, वॉच टॉवर समेत विभिन्न ऐसी सुविधाएं जो पर्यटकों को यहां समय बीताने और मनोरंजन प्राप्त करने के लिए आश्चर्य कर रही है।
स्कुलि छुट्टी हो या फिर दीपावली अवकाश में रोज हजारों पर्यटकों ने यहां आकर उद्यान का आनंद लूटा। बरसात के बाद आनेवाले ग्रीष्मकाल अवकाश में यहां पर बुढ़े, बच्चे,जवान,महीला,पुरुष कि भीड़ बडी संख्या में देखने को मिलता है।इस उद्यान को निजी ठेकेदार के माध्यम से संचालित किया जा रहा है।उद्यान का रखरखाव साफ सफाई के कारण पर्यटकों का मनमोह करके रख दिया है।
सरकार को इससे प्रतिवर्ष 10 लाख रुपये की आय प्राप्त हो रही है।यहां लगभग 7 करोड़ की लागत से निर्मित उद्यान के निर्माण में पाटबंधारे विभाग के अधीक्षक अभियंता, कार्यकारी अभियंता, उपविभागीय अधिकारी,जिल्हाधिकारी,जिले के पालकमंञी, क्षेत्रीय विधायक शाखा अधिकारी की टीम ने अपना योगदान दिया.
किले के बाहर भगवान विष्णू का मंदिर जो नक्काशी कर बड़ी शिलाओं से बनाया गया है।अमलनाला प्रकल्प के पास ऐतिहासिक माणिकगड किला, विष्णु मंदिर, शंकरदेव मंदिर, बौध्द भूमि है. पर्यटक हर वर्ष कि तरह इस वर्ष भी पर्यटन स्थल पर आते है।
अमलनाला का विकास कर यहां वाटरपार्क , रिसोर्ट,बोटिंग,झिकझॉक वाटर फाल,हरे भरे पहाड़ीयों के बीचों बीच भव्य उद्यान का निर्माण किया गया है। परंतु अमलनाला बांध तठ पर रेत डालकर सैंडी प्ले ग्राउंड का निर्माण किया जाए।
जैसे कि समंदर कि किनारे रेत का बीच होता है।साथ ही प्ले ग्राउंड स्थल में स्टाल खोला जाए जिससे स्थानीय अदीवासी बंधुओं को रोजगार कि संधी बने।ऐसे मनोगत सामाजिक कार्यकर्ता इबादुल सिद्दीक़ी ने शासन प्रशासन से कि है।










