रंगमंच और भाषा कौशल्य’ पर सर्टिफिकेट कोर्स: सरदार पटेल महाविद्यालय में पीएम ऊषा योजना के तहत हुआ सफल आयोजन

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‘रंगमंच और भाषा कौशल्य’ पर सर्टिफिकेट कोर्स: सरदार पटेल महाविद्यालय में पीएम ऊषा योजना के तहत हुआ सफल आयोजन



विनोद कुमार तिवारी चंद्रपूर/ अभियान आज तक


चंद्रपुर, 11 सितम्बर 2025: सरदार पटेल महाविद्यालय, चंद्रपुर के हिंदी विभाग ने पीएम ऊषा योजना के अंतर्गत ‘रंगमंच और भाषा कौशल्य’ विषय पर 8 से 11 सितम्बर तक आयोजित सर्टिफिकेट कोर्स को भव्य सफलता के साथ संपन्न किया।
इस कोर्स में बी.ए., बी.कॉम., बी.एससी., और एम.ए. हिंदी के 25 से अधिक विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और थिएटर व भाषा कौशल का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रख्यात वक्ताओं डॉ. अनिरुद्ध वनकर, संतोष बारसागड़े और प्रा. डॉ. जयश्री कापसे गावंडे ने अपने विशेषज्ञ मार्गदर्शन से कार्यक्रम को यादगार बनाया।
आयोजन का शुभारंभ और उद्देश्य
हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. सुनीता बनसोड ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा, “रंगमंच और भाषा कौशल व्यक्तित्व को निखारते हैं और आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं। यह कोर्स विद्यार्थियों को संचार और नेतृत्व में निपुण बनाने का एक अनमोल अवसर है।”
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पी. एम. काटकर ने अपने उद्बोधन में जोड़ा, “पीएम ऊषा योजना के तहत यह कोर्स विद्यार्थियों को अकादमिक और व्यावसायिक चुनौतियों के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हमारा संस्थान ऐसे प्रयासों को हमेशा प्रोत्साहित करता रहेगा।”

वक्ताओं का प्रेरक मार्गदर्शन

डॉ. अनिरुद्ध वनकर ने थिएटर को अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम बताते हुए कहा, “रंगमंच भावनाओं और कहानियों को जीवंत करता है। इसमें चरित्र निर्माण और संवाद अदायगी की कला के लिए स्वर नियंत्रण और दर्शकों से तालमेल जरूरी है।” उन्होंने विद्यार्थियों को मंचीय प्रस्तुति की बारीकियां सिखाईं।
संतोष बारसागड़े ने भाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “भाषा संस्कृति और भावनाओं का वाहक है। सही उच्चारण और शब्द चयन से मंच पर गहरा प्रभाव डाला जा सकता है।” उन्होंने हिंदी की समृद्धि और मंचीय प्रभावशीलता पर जोर दिया।
प्रा. डॉ. जयश्री कापसे गावंडे ने रंगमंच में रचनात्मकता को रेखांकित करते हुए कहा, “थिएटर में कलाकार को किरदार में डूबना और दर्शकों से जीवंत संबंध बनाना एक संतुलन की कला है। यह सामाजिक मुद्दों को उठाने और जागरूकता फैलाने का सशक्त माध्यम है।” उन्होंने मंचीय भय पर काबू पाने और प्रभावी प्रस्तुति के लिए व्यावहारिक अभ्यास कराए।
संस्था की प्रतिबद्धता और विद्यार्थियों का उत्साह
संस्था के अध्यक्ष श्री नामदेवराव पोरेड्डीवार ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “यह कोर्स विद्यार्थियों के कौशल और आत्मविश्वास को बढ़ाने में मील का पत्थर है। हम समयानुकूल और व्यवहारिक शिक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।”
समापन पर डॉ. शैलेन्द्र कुमार शुक्ल ने सभी वक्ताओं और आयोजन समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह कोर्स विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायी रहा, जिसने उनके मंचीय और भाषायी कौशल को नई ऊंचाइयां दीं।”

सहयोग और सफलता

आयोजन की सफलता में प्राध्यापिकाओं प्रा. रीता पाठक, प्रा. प्रणिता गडकरी, प्रा. माधुरी कटकोजवार, प्रा. अश्विनी शाकीनाला और शैलजा ठमके का योगदान सराहनीय रहा। विद्यार्थियों ने कोर्स को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि इसने उनके आत्मविश्वास, नेतृत्व और मंचीय कौशल को निखारा। समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

पीएम ऊषा योजना की सार्थक पहल

यह कोर्स पीएम ऊषा योजना के तहत शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा। विद्यार्थियों और प्राध्यापकों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे भविष्य में भी जारी रखने की मांग की।

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