वेकोलि भांडेवाळा भुमीगत कोयला खदान बंद होने के कगार पर
खदान प्रबंधन और विजिलेंस में क्या? है समझौता
वणी : वेकोलि वणी नार्थ एरीया तथा भालर क्षेञीय प्रबंधक अंतर्गत वणी-राजुर में भांडेवाळा भुमीगत कोयला खदान तीन दशक पुर्व सुरु होकर आखरी में समाप्त होने के कगार पर है। क्योंकि भुमीगत कोयला खदान में पहले से अब कोयला उत्पादन का कार्य थंडे बस्ते पर चल रहा है। सुञो के अनुसार भांदेवाडा भुमीगत खदान के अंदर बीते कुछ वर्ष से पाणी अधिक बढ़ रहा है जिसके कारण खदान में कोयला उत्पादन अब न के बरोबर है।पर्यावरण घोषित हुए खदान में मजदुरो से जबरन काम लेकर दिन में केवल 60/70 टन कोयले का उत्पादन हो रहा। लक्ष्य के अनुसार खदान में प्रोडक्शन कि कमी और काम करनेवाले वर्कर अधिक है। जिसके कारण वेकोलि के यह भुमीगत खदान से बहुत बड़ी हानी हो रही है।कंपनी में होनेवाले नुक़सान से क्षेत्रीय प्रबंधक तथा आला अधिकारी भी अच्छी तरह परीचित है।इसी तरह होनेवाले नुक़सान के कारण कंपनी में जगह जगह एक के बाद एक खदानें बंद हो रही है। इस मामले को लेकर वणी नार्थ एरीया में कभी भी कीसी भी वक्त वरीष्ठ अधिकारीयों में गंभीर चर्चा हो सकती है। तीन दशक पुर्व सुरु हुई भांदेवाळा भुमीगत कोयला खदान जर्जर हालत में है।
खदान में कोयला नहीं बचा
वेकोलि नार्थ भालर क्षेञीय प्रबंधक में आनेवाली भांदेवाडा भुमीगत कोयला खदान उत्पादन के मामले में सम्मान बचाएं हुए हैं। लेकिन आनेवाले कुछ वर्ष में कोयला उत्पादन शुन्य पर हो सकता है। खदान बंद होने से यहा पर काम करने वाले अधिकारी, कामगार के साथ साथ पूरे क्षेत्र में बुरा प्रभाव पड़ सकता है। खदान कि हालत बेहद गंभीर है। खदान में काम करने वाले मजदूरो को पीने के लिए खदान का प्रदुषित पाणी परोसा जा रहा है। प्रदुषित पाणी के पीने से मजदूर बिमारी से ग्रस्त हैं।

अधिकारी के कारण खदान बंद होने के कगार पर
आप सभी को इस बात से अवगत कराया जा रहा है कि वणी राजुर के भांदेवाडा भुमीगत कोयला खदान में संबंधित क्षेञीय जिम्मेदार अधिकारी तथा खदान प्रबंधक कि लचीलता, निष्क्रियता के कारण भांदेवाडा भुमीगत कोयला खदान बंद होने के कगार पर है। वर्तमान में अपनी अस्तित्व बचानें के संकट में खदान आखरी दौर से जुझ रहा है। लेकिन कुछ जिम्मेदार अफसरों कि धांधली तथा निष्क्रियता के चलतें खदान में उत्पादन न होने के कारण खदान को अब बंद होने की संभावना जताई जा रही है।
खदान अधिकारीयों पर धांधली, मिलीभगत का आरोप
भांदेवाडा भुमीगत कोयला खदान में पिछले एक दशक से सेफ्टी आफीसर, प्रोडक्शन मैनेजर,ओरमैन कि बदली नहीं रही है। जिसके कारण आफीसरों पर मजदूरों के साथ आर्थिक लेन-देन का आरोप लग रहा है।सुञो के मुताबिक सुरज शाहु, राजेश शाहु,संजिव सामेल के अलावा अन्य आफीसरों पर 180 मजदूरों से आर्थिक लेन-देन तथा धांधली का आरोप पुर्व लग चुका है।180 मजदूरों से आर्थिक लेन-देन के मामले कि जांच पुछताछ हुई थीं। परंतु यह जांच थंडे बस्ते में सुरु होकर समाप्त हो गई है। मजदूरों से बगैर डिवटी के हाजरी लगाने तथा आर्थिक लेन-देन के साथ साथ मिलन होटल में आफीसरों कि पीने,खाने कि पार्टी जमकर सुरू है।
DGMS,विजिलेंस कि जांच पर निष्क्रियता
खदान में होनेवाला उत्पादन लक्ष्य, खदान का खर्च, अधिकारी,मजदूरों कि उपलब्धता से लेकर अन्य जांच प्रक्रिया के लिए डीजीएमएस,विजिलेंस टीम कि खदान में दस्तक ज़रूर देती है लेकिन निष्क्रियता के चलते जांच के दौरान अभी तक खदान सुरू रखनें का कोई खास सुझाव नही मिला और न ही किसी अधिकारी पर कोई ठोस कार्रवाई नही हुई। खदान में आर्थिक लेन-देन तथा होटल में पार्टी से सारा मामला रफा-दफा हो रहा है।इसी तरह होटल पार्टी के चलतें पिछले वर्ष भी शराब के नशे में आपसी झगडा, मारपीट का मामला वणी पुलिस थाना मे खदान के कुछ अधिकारी और कामगारों के खिलाफ दर्ज हुआ था।भांदेवाळा भुमीगत कोयला खदान अपनी दशा पर आंसु बहा रहा है।अधिकारी माल बटोरने के चक्कर में खदान में कई वर्ष से दामन टेके हुए हैं।