भु-सुचना में सटीकता,भुमी-प्रबंधन में पारदर्शिता होगी.
घुग्घुस :डिजीटल इंडिया में मिनी इंडिया के नाम से घोषित हुए चंद्रपुर जिले का औद्योगिक शहर घुग्घुस याने कि मिनी इंडिया का अब “नक्शा” बदलने जा रहा है। हाल ही में इस योजना का उद्घाटन मंगलवार 18 फरवरी को सुबह 11 बजें केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषी एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान इनके हाथों से मध्य प्रदेश के रायसेन में 26 राज्य और 3 केन्द्र शासित प्रदेश के 152 शहरी स्थानीय निकाय में शहर भुमी सर्वेक्षण (नक्शा) कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसके लिए 194 करोड़ रु का बजट निर्धारित किया है।
केन्द्र शासन योजना के तहत इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र से केवल 10 नगर परिषद का चयन किया गया। जिसमें चंद्रपुर जिले से घुग्घुस नगर परिषद का नाम घोषित होने पर बालाजी लाॅन घुग्घुस में 18 फरवरी को सुबह 11 बजें के दौरान नगर परिषद द्वारा “नक्शा”कार्यक्रम का उद्घाटन तथा समारंभ कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषी एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान का नक्शा सीधा प्रसारण कार्यक्रम दिखाया गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन भुषण मोहीते, जिला अधिक्षक भुमी अभिलेख चंद्रपुर, इनके हाथों से हुआ। जिसमें डाॅ.सचिन खंडारे नायब तहसीलदार चंद्रपुर, विशाल वाघ,प्रशासक मुख्याधिकारी नगर परिषद घुग्घुस,डाॅ.जितेद्र गादेवार नायब तहसीलदार चंद्रपुर,गिजेवार उपाधिक्षक भुमी अभिलेख चंद्रपुर,मनिष ढोके सर्वे आफ इंडिया प्रतिनिधि तथा घुग्घुस शहर के सभी ज्येष्ठ,प्रतिष्ठित,नागरिक, लोकप्रतिनिधि, नगर परिषद अधिकारी, कर्मचारी,बडी संख्या उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन सोनाली नागरगोजे,अभियंता नगर परिषद घुग्घुस, आभार विक्रम क्षिरसागर ने किया। कार्यक्रम मे नागरिकों का बड़ा प्रतिसाद मिला।
इस योजना का शुभारंभ घुग्घुस मे हो चुका है। 7 फरवरी को सुबह 10: बजे 2D नाडीर कॅमेरा,ड्रोन सर्वे,औष्टिक 4 एंगल कॅमेरा,लिडार सेंसर 3D मॅपीग तकनीकी से आर्वी असोसिएट प्रा,लि,कंपनी कि हेलीकॉप्टर ने घुग्घुस क्षेत्र में 42 राऊंड पहले टप्पे के लिए हवाई सर्वेक्षण लगाए हैं।अभी हवाई सर्वेक्षण घुग्घुस से दो टप्पे होना बाकी है।
नक्शा का क्या लाभ होगा
सटीक और आनलाइन पारदर्शिता,रिकार्ड आधुनिक तकनीक से लैस,डाटा, आनलाइन उपलब्ध होंगे।शहरी भुमी प्रबंधन मे सुधार होंगी।भुमी प्रशासन और आपदा प्रबंधन जमीन से जुड़े प्रकिया पारदर्शी और तेज होगी। प्रापर्टी कि सीमाए और उच्च गुणवत्ता वाली जानकारी नए नक्शे तयार करने में मदद करेंगी।नक्शा आधुनिक तकनीक से भविष्य में योजनाओं को मिलेगी नई दिशा।
नक्शा क्यों जरूरी है।
जमीन मालीकाना हक़ को लेकर झगड़े और वर्षों तक चलनेवाले मुकादमे को खत्म करने का मुख्य उद्देश्य है। विकास में तेजी होंगी। पर्यावरण योजना। संपत्ति अधिकार मजबूत होंगे। ऐतिहासिक भुमि डेटा विष्लेषण में सहायता। राजस्व बेहतर होगा।कर चोरी में कमी आएगी, प्रमाणित भुमी रिकार्ड नुसार खरेदी -बिक्री होगी।पट्टे कि प्रकिया सुरक्षित, धोखाधड़ी से मुक्त, आधारभूत संरक्षणाओ में रुकावट कि समस्याओ का समाधान करना। डिजीटल रिकार्ड होंगे। भुमी रिकार्ड को पारदर्शी,सटीक, और सभी के लिए उपलब्ध बनाना।
कैसे? काम करता हैं हवाई नक्शा।
हवाई सर्वेक्षण से सटीक मॅपीग, राज्य सरकार और नागरिक के भागीदारी से भुमी रिकार्ड का सत्यापन होगा।यह डिजीटल प्लेटफार्म का आसान और भुस्थानिक डेटा से सटीक अर्बन प्लानिंग है।