घुग्घुस : म्हातारदेवी-मुर्सा-बेल्सनी ग्राम पंचायत अंतर्गत में तीनों पटवारी के देखरेख में सुरु म्हातारदेवी-मुर्सा कोयला साइडिंग जमीनी विवाद में फंसा हुआ दिख रहा है।कोयला साइडिंग का निर्माण कार्य शुरू होकर तकरीबन दो वर्ष से अधिक बीतने वाला जिसमे कुछ किसानों कि भुमी को हडपने तथा भुमी खोदकर मिट्टी से रॅम्प तथा नए मार्ग बनाने के लिए अवैध उत्खनन बड़े प्रमाण पर किया है।
अवैध उत्खनन से किसानों के खेतों में जगह जगह खोल गड्ढे का निर्माण हुआ। खेतों के बीचोंबीच गीरे बड़े बड़े गड्ढे से किसान खेती नही कर पा रहा है।जमीन खराब होकर फ़सल नही उग रहा।देश के अन्नदाता कि अब विवादीत कोयला साइडिंग से भुखे मरने की नौबत सामने दिखाई दे रहा है।
आनेवाले कुछ दीनों में घुग्घुस म्हातारदेवी कोयला साईडिग, प्रदुषण से सैकड़ों एकड़ फ़सल बर्बाद होने कि दशा में है। किसानों कि हड़पी जमीन में कुछ जगह पर साइडिंग संचालक अपना मालिकाना हक़ जमा लिया है।तो कुछ जगह पर रेल्वे के अवैध जमीन में कब्जा कर लिया है।शासन प्रशासन, महसूल, सरकारी अधिकारी भीखामोश खडे होकर हाथ में हाथ बांधे सबकुछ देख रहे हैं।
गरीब किसान न्याय के लिए गुहार लगा रहे। किसानों के हित में कोई खड़ा नहीं हो रहा। लाखों करोड़ रु कि रेल्वे कि सरकारी गैर सरकारी जमीन पर कब्जा जमाकर कोयला साइडिंग का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर सुरु है। जमीन कमर्शियल है कि नहीं इसकी जांच होना अनिवार्य है।
कारखाना के काले धुल से रॅम्प पाटने का काम तेजी से सुरु हुआ।रेल्वे पटरी से सटकर साइडिंग में आने-जाने के लिए नया निर्माण किया है। रेल्वे प्रशासन इसकि सख्ती से जांच करें।रेल्वे कि जमीन पर कब्जा जमाए साइडिंग संचालक पर कार्रवाई के लिए मांग उठ रही है।आनेवाले कुछ दीनों में म्हातारदेवी मुर्सा कोयला साइडिंग काम सुरू होकर गोलमाल का अवैध धंदा तेजी से सुरु होने के कगार पर है।