माजरी मे दो परीवार के बीच हुई लडाई में पुलिस के एक अधिकारी ने निर्दोश को बेरहमी से पीटा

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माजरी मे दो परीवार के बीच हुई लडाई में पुलिस के एक अधिकारी ने निर्दोश को बेरहमी से पीटा



बेकसूर ने भी फिर कुछ ऐसा किया वर्दीवाले अधिकारी के एकडी भुलाकर रख दिया


घुग्घुस : जनता का मानना है कि पुलिस को हमेशा जनता कि सुरक्षा करते हुए देखा है। लेकिन अब वे ही अत्याचार बन गए हैं। अगर कोई निर्दोष व्यक्ति पुलिस के हाथों इस तरह बेकसूर पीटा जाएगा तो आम जनता का पुलिस से विश्वास दिन-ब-दिन हटता जाएगा।
आप अपनें साथ दुर्व्यवहार, गाली-गलौच करनेवाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ पुलिस अधिकारी द्वारा किए गए बुरे व्यवहार कि शिकायत उसके उच्च अधिकारी से कर सकते हैं।तथा उस पुलिस थाना के खिलाफ रीट याचिका भी लगा सकते हैं।यह आपका अपना मौलिक अधिकार भी है। कोई पुलिस अधिकारी बेवजह किसी बेगुनाह व्यक्ति को गाली-गलौच नही दे सकता हैं।
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में पुलिस अधिकारी को काफी सारी शक्तियां प्रदान कि गई है।इसी शक्ति के कारण कभी-कभी देखनें में यह आता है कि पुलिस अधिकारी ही जनता के साथ गलत आचरण करनें लगते हैं। दबंगाई आम लोगों पर अधिक दिखाते हैं। अपराधि और अवैध धंधे वाले से मिल बैठकर एक-साथ खाते हैं।
सुञो के मुताबिक घटणा बीते शनिवार रात 7 बजे के दरम्यान मे माजरी थाना क्षेत्र शांति चौक के पास एक मोहल्ले कि है।
दो परीवार के बीच आपस मे किसी मामले को लेकर विवाद, झगड़ा चल रहा था।जिसकि जानकारी माजरी पुलिस को तुरंत दी गई थी। मामले कि जानकारी पुलिस थाना में मिलते ही थाने के अधिकारी ने अपने पुलिस दल-बल के साथ घटणास्थल में जरुर पहुंचे।
लेकिन घटणा में झगड़े को सुलझाने कि जगह उस पुलिस अधिकारी ने वह पर खड़े एक बेकसूर, निर्दोष व्यक्ति पर बेवजह गाली-गलौच करतें हुए बरस पड़े।उस बेकसूर कि गलती केवल इतनी थी कि पड़ोस में हो रहे झगड़े को सुलझाने के लिए खडा था।
वहा पर मौजूद बेकसूर ने पुलिस अधिकारी से बेवजह गाली नही देने के लिए मना करने पर अधिकारी ने बेवजह उस व्यक्ति को मारना कुटना सुरु कर दिया। अधिकारी कि बत्तमीजी इतनी हद पार कर दी कि आखीर इसका सबक बेकसूर व्यक्ति ने भरे बाजार में करके दिखाया। बीच बाजार में घिनौने हरकत करने वाले इस अधिकारी के वर्दी पर चले हाथ पर उस अधिकारी ने बेकसूर व्यक्ति को थाने में ले जाकर बडे बर्बता, बेरहमी से पीटाई सुरु कर दी। व्पीयक्ति का पिटाई से पुरा कुल्हा सुज गया था। बेकसूर पर पुलिस थाना में मामला भी दर्ज हुआ है। जनप्रतिनिधि और परीवारीक दबाव बाद थाने से बेकसूर को छोड़ दिया गया था।
सुञो से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि माजरी थाना में जब से एक अधिकारी ने पदभार संभाला है तब से आम लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है।माजरी मे पुलिस अधिकारी पर निर्दोष व्यक्ति को बेरहमी से पीटने का आरोप स्थानीय लोग तथा परीवार से कुछ लोगों ने लगाया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस अधिकारी उस निर्दोष व्यक्ति के साथ ग़लत कर रही है। लोगों का का आरोप यह भी है कि पुलिस थाना क्षेत्र में चोरी छिपे चल रहे अवैध धंदो वाले से पुलिस अधिकारी का मेल-मिलाप ठीक ठाक चल रहा है
आम लोगों को ठाणे में पहुंचते ही गाली-गलौच, बर्बता से कुटा जा रहा है। पुलिस के पास किसी को बेवजह मारने का अधिकार नहीं है पुलिस पास जो अधिकार होते हैं वह नागरिक के सरंक्षण के लिए होते हैं। पुलिस का कार्य अपराध को रोकना है।
पुलिस अधिकारी आम लोगों को गाली-गलौच देकर फंसाने के लिए धमकाते हैं। अवैध धंदे वाले को खुला छुट दे देते हैं। थाने में ऐसे लोगों को चाय पाणी कि सुविधा भी दी जाती है। परंतु आम जनता को बडे बर्बरता से गाली-गलौच करतें हुए तमाचा,डंडे से बात करते हैं।
माजरी मे हुए इस घटणा के बाद स्थानीय लोग और पिडीत परीवार के लोगों ने पुलिस अधिकारी के खिलाफ थाने पहुंचकर आक्रोश जताया। बेकसूर पिडीत व्यक्ति के शरीर में चोट के निशान को देखकर लोगों को उस पुलिस अधिकारी के प्रति गुस्सा और भी बढ़ गया था।
पुलिस अधिकारी का यह निंदनीय है।उस व्यक्ति पर कोई अपराधिक इतिहास भी नही रहा है।
पुरे मामले कि निष्पक्ष जांच करें और दोषी पुलिस अधिकारी पर दंडात्मक कार्रवाई करने कि मांग स्थानीय लोग तथा पिडीत परीवार ने चंद्रपुर पुलिस प्रशासन से कर रहे हैं।साथ ही अधिकारी के तबादले के लिए आवाज उठा रहे हैं।

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