अधिकारीयों खुद दे रहे जनरल मजदूरों को सर्फेस मे वसुली कि नौकरी
घुग्घुस: वेकोलि वणी नार्थ के भालर क्षेञीय प्रबंधक कार्यालय अंतर्गत आनेवाली घोन्सा ओपन-कास्ट तथा राजुर-भांदेवाडा भुमीगत कोयला खदान में आखिर किसके ? मनमर्जी से सुरु है पैसों कि बडी दलाली,कौन किसके लिए कर रहा है।पैसो के लिए हराम खोरी, रिश्वतखोरी ने तो खदान में तबाही मचा कर रख दी है।वणी भालर क्षेत्र में सभी खदानों का सिस्टम खराब चल रहा है।आखिर कब होगी ? रिश्वतखोर,दलाल अधिकारी ,कामचोर ,कर्मचारी पर कानुनन जांच करने बाद बडी कारवाई। ऐसे सवाल नागरिको ने वेकोलि प्रशासन तथा उच्च स्तरीय जांच टीम से कर रहे हैं।
क्योंकि सैलानी बनकर आनेवाले डीजीएमएस,विजीलेंस टीम केवल खानापूर्ति के लिए खदान में पहुंचते हैं।होटल और बार में ताजपोशी होने बाद वापस उसी तरहा लौट जाते हैं।खदान में जांच टीम के आने से पुर्व सभी अधिकारी से कर्मचारी तक आने कि खबर पहुंच जाती हैं। खदान में होनेवाले वैध अवैध कार्य को कुछ समय,कुछ दीन बाद तक रोक दिया जाता है। भ्रष्टाचार अधिकारी,खान प्रबंधक, व्यवस्थापक,उपक्षेत्रीय प्रबंधक तथा धोखेबाज ,कामचोर ड्यूटी से फरार अवैध वसुलीदार,कमिशन खोर मजदूर तथा अधिकारीयों के कारण खदान में मेहनत कम तनख्वाह बढ़ाओ वाली निती चल रही है। खदान कि दयनीय अवस्था मे कही कुछ नहीं बच रहा।
खदान में “आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया”जैसे योग्य कार्य हो रहा। कोयला उत्पादन लक्ष बढ़ने के बजैय अंदर पानीं धीरे-धीरे बढता जा रहा है। मौत के साए में मजदूर नौकरी को जिंदा रखने के लिए खुद को मौत के घाट में उतरकर पानी से कोयला उगाने के लिए हर परेशानी,कठीनाई अदी समस्या झेल रहे है। भुमिगत खदान में कोयला कुछ हद तक ही बचा है।
भांदेवाडा भुमिगत कोयला खदान में अभी दो-तीन वर्ष से मजदुरो कि नए भर्ती का सिलसिला लगातार चल रहा है।कोई भुमी अधिग्रहण में ड्यूटी पर चढ रहा कोई अनफिट होकर अपने वारीश में किसी सदस्य को नौकरी पर चढ़ा रहा।बैरहाल ट्रेनिंग सभी को भुमिगत खदान में दिया जा रहा।वेकोलि में नौकरी करने जोश में ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में मजदूर लगातार बढ़ रहे हैं। खदान में बढ़ते मजदूर के मुताबिक कोयला प्रोडक्शन बढ़ने के बजाए घटता जा रहा। भुमिगत खदान मे 800 से अधिक भ्रष्ट अधिकारी और रिश्वतखोर कामचोर कर्मचारी खदान का पुरा स्ट्रक्चर खराब कर दिया है।
भुमीगत कोयला खदान में कोयलें का उत्पादन लक्ष्य घटने के बावजूद सरकारी कागज में बढ़ा चढ़ाकर दिखाया जा रहा। जिससे खदान कि इज्जत और अधिकारी कि बदनामी से किसी तरह सर ढका रहे।
वेकोलि मे नागपुर के मुखीया को भुमिगत कोयला खदान से होनेवाला नुक़सान का पता सब है। परंतु अपने पैर में मारे कुल्हाड़ी से खुदको जख्म भरा दर्द को कब तक सहेना है।यह बात समझ से बाहर और घटता को चिंतन में दबा रखा है।
राजुर,भांदेवाडा भुमिगत कोयला खदान में कुछ भ्रष्टाचार अधिकारी और कामचोर, रिश्वतखोर मजदूरों के कारण वेकोलि वणी नार्थ से कंपनी को बीते कुछ वर्ष से करोड़ों,अरब का नुक़सान झेलना पड़ा है।
भांदेवाडा भुमीगत कोयला खदान के अंदर 15 लेवल क्रमांक को जांच के बाद डेंजर झोन एरिया करार कर दिया गया है।15 लेवल को वेकोलि के बड़े,उच्च अधिकारीयो ने बंद रखने का आदेश जारी किया। परंतु भांदेवाडा खदान प्रबंधक,व्यवस्थापक द्वारा इस लेवल को हमेशा से सुरु रखा है।जिसमें बड़ी अनहोनी हो सकती है।
भांदेवाडा भुमिगत कोयला खदान में कभी मनमर्जी जांच के दौरान डिजीएमएस,विजीलेंस कि टीम आने पर 15 लेवल एरिया में मोटर बंद रखकर बेल्ट अलग कर दिया जाता है। जांच अधिकारी आने पर एरिया को बंद दिखाया जाता है।खुसुसन में 15 लेवल एरिया को सुरु रखा है। खदान में मजदुरो के साथ अक्सर जान का खिलवाड़ किया जा रहा है।मजदूरों के साथ कंपनी के खदान अधिकारी शोषण कर रहे हैं।
अवैध वसूली में मस्के,पाल..जोड़ी है बेमिसाल..
राजुर भांदेवाडा भुमिगत कोयला खदान में जनरल मजदूर रवि मस्के(P.A) कि मैनेजर के लिए ठेकेदारो से अवैध वसूली जमकर सुरू है।वही राहुल पाल उपक्षेत्रीय प्रबंधक के घोन्सा ओपन-कास्ट में अवैध वसूली कर रहे हैं। राजुर भांदेवाडा भुमीगत कोयला खदान में रवि मस्के,राहुल पाल,जनरल मजदूर के हैसियत से लगे है। परंतु खदान में कुछ भ्रष्ट प्रबंधन,व्यवस्थापक अधिकारी, उपक्षेत्रीय अधिकारी तथा तानाशाह लापरवाही,अधिकारी के मिलीभगत से रवि मस्के,राहुल पाल दोनो मनमर्ज़ी से सर्फेस मे बाबु एवं बिलिंग सेक्शन पर घोन्सा ओपन-कास्ट,राजुर खदान में खुलेआम ड्यूटी पर नजर आ रहे है। उपक्षेत्रीय प्रबंधक के कहेने पर राहुल पाल को मैनेजर गवई ने सर्फेस में हल्के नौकरी पर रखा है।
भालर उपक्षेत्रीय एरिया राजुर भांदेवाडा सब एरीया आफीस से लेकर घोन्सा ओपन-कास्ट तथा कांटा घर से ठेकेदार लेकर ट्रान्सपोर्ट तक जबरन वसुली का बडा रैकेट चल रहा है।
सुत्रो के रवि मस्के साइनिंग अमाउंट के अलावा प्रायवेट ठेकेदार,कोल ट्रान्सपोर्टर,बस चालक तथा जनरल मजदूरों से कंपनी में बिल पास कराने के चक्कर में दो-से तीन पर्सेंट में खुद के लिए भी पैसे कि डिमांड करते हैं।पैसे नहीं देने पर बिल तिथर-बिथर करने कि धमकी देते हैं। भालर क्षेत्रीय जिम्मेदार अफसरों कि रिश्वतखोरी ने खदान में बदनामी का झंडा गाड़ दिया है।
खदान से अधिकतर कामचोर मजदूर, खदान संबंधित कुछ अधिकारी अपनें कार्य स्थल में आउट मशीन पर ठेंगा दिखाकर खुलि हवा, पार्टीयों में मौज मस्ती के लिए निकल जाते है।
कंपनी के मजदूर के साथ कार्यलय मे गैर बर्ताव,हो रहा।भांदेवाडा भुमिगत कोयला खदान मे अधिकांश समय कामचोर मजदुर तथा भ्रष्ट अधिकारी हाजरी लगाकर दफ्तर से बाहर खुले आसमान के हवा में सहर करते हुए नजर आते हैं।वही लोकप्रतिनिधि के कुछ चेले चपाटों ने भी खदान के अंदर मजदूरी करने के लिए वापस पैर से बहार लौट रहे हैं।मंञी महोदय का परीचय देकर अपनी उल्लु सीधे कर रहे।
खदान का देखरेख,लक्ष्य,कोयला उत्पादन,खर्च अदी कार्यलय लेखा-जोखा जांच के लिए वेकोलि मे विजीलेंस टीम,डीजीएम एस की टीम आती जरूर है।परंतु भांदेवाडा भुमिगत कोयला खदान में विजीलेंस अधिकारी खाली सवालो के घेरे में आकर गुरुदक्षिना के साथ लेकर खाली हाथ लौटना लाजमी समझते है।
परंतु भांदेवाडा भुमिगत कोयला खदान में आज तक विजीलेंस ,सीबीआई,अन्य किसी उच्च स्तरीय अधिकारी कि गहराई से जांच नहीं हुई और न ही खदान में गहराई से जांच कर भ्रष्ट अधिकारी,कामचोर मजदुर पर कोई कार्रवाई हुई है।
सामाजिक कार्यकर्ता तथा नागरिको ने वेकोलि में उच्च अधिकारी,विजीलेंस टीम, डीजीएम एस टीम,सीबीआई जांच,शासन,प्रशासन,लोकप्रतिनिधि से भांदेवाडा भुमिगत कोयला खदान में भ्रष्ट अधिकारी और कामचोर मजदूर पर कार्रवाई करने कि मांग कर रहे हैं।