घुग्घुस में किसानों पर तांडव मचा रहा फुलकों रेल्वे साइडिंग

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घुग्घुस में किसानों पर तांडव मचा रहा फुलकों रेल्वे साइडिंग



खेती हड़पकर किसानों को पैदल रास्ते से भी आने जाने कि लिए मनाई


घुग्घुस : वैध,अवैध तरीके से किसान और रेल्वे के जमीन को कब्जाकर म्हातारदेवी मुर्सा में फ्युलको रेल्वे साइडिंग का काम अंतिम चरण मे पहुंच तो गया है। लेकिन अपनी नापाकी हालत और किसानों पर तांडव मचाने से बाज नही आ रहा है।

फुलकों ने सुरूवात मे किसान के जमीन पर बगैर पुछताछ किए चोरी छिपे अवैध उत्खनन बड़े पैमाने पर किया था। इस उत्खनन से कई एकर जमीन में उगते हुए फसलो को बड़े बड़े गड्ढे खोदकर दफना दिया।वही कंपनी में खरीदी गई 80 एकर से अधिक जमीन में कुछ जगह पर कारखाना के काली मिट्टी से जमीन पाटने और कोयले में मिश्रीत करने के लिए चारफाइन (काला डस्ट) का भंडारण लाखों टन किया गया।

कोयले में मिश्रण करनें के लिए खेत के बाजु से जमा यह काला धुल ग्रीष्मकाल और बरसात में किसान के लिए मुश्किलो का दौर सुरु हुआ। ग्रीष्मकाल के दिन तेज आंधी आने पर हवा में काला धुल मिश्रीत होकर दुर दुर तक खडे फसल को खराब कर रहा। बरसात में डस्ट का काला पानी नाले कि तरह बहेती धारा बनकर खेत में होनेवाले बीज,जमीन को बंजर बना रहा।

किसान के खेती,फसल,के साथ साथ पशु प्राणी प्रभावित हो रहे हैं। बगैर खेती के भुखे मरने वाले किसान कि पुकार कोई नही सुन रहा। देश का अन्नदाता दाने दाने के लिए तरस रहा।फसल तो बर्बाद लेकिन मुआवजा भी नही मिल रहा।

ऐसा ही सस्ते भाव में जमीन जबरन हड़पने का मामला फुलको संचालक द्वारा सुनाई दे रहा। जबरन मामले में यह बताया जा रहा कि 9 नोव्हेंबर 2023 को बद्री लक्ष्मी यादव घुग्घुस गोपाल नगर निवासी अपना खेत खसरा क्र 112,आरजी 8.9 खाते क्र 10734 मौजा म्हातारदेवी क्षेत्र कि 3 एकर जमीन का विसार 7,25000 लाख रु प्रति एकर से हुआ था।विसार में 5 लाख का चेक और नगदी दस लाख रु नवल-किशोर गणपतलाल अग्रवाल ,फुलकों ने बद्री यादव को दिया था। परंतु विसार में लिखा गया 7,25000 लाख रु प्रति एकर जमीनी सौदा बद्री यादव को नामंजूर होने से वह 15 लाख रू नवल-किशोर गणपतलाल अग्रवाल फुलकों कंपनी में लौटा रहा है। लेकिन पैसे को वापस न लेते हुए फुलको कंपनी जबरन जमीन में नाली खोदकर हथियाने में लगी है।

बद्री यादव का कहना है कि खरेदी -बिक्री विसार के समय मेरा दिमाकी संतुलन सही नहीं होने से मुझे कुछ समझ में नहीं आया था।

फुलको रेल्वे साइडिंग कंपनी ने रास्ते से आने-जाने वाले किसान पर तांडव मचा कर रख दिया।रास्ते में घमासान नजर आ रहा। पिडीत किसानों का आरोप है कि पिछले चालीस वर्ष से अधिक हो चुका है जिस रास्ते से हम खेत में आना जाना किया करते थे उस रास्ते को फुलकों कंपनी ने बंद कर दिया है। गेट से खेत में आने जाने के किसानों के लिए पाबंदी लगा दी। किसानों खेत में दुर से आने-जाने के लिए समस्या का सामना करना पड़ रहा।पिडीत किसान, स्थानीय नागरिकों ने महसूल,राजस्व विभाग ,शासन प्रशासन,लोकप्रतिनिधि से समस्या से निजात दिलाने कि मांग कर रहे।

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