जनसुनवाई में मिलियन स्टील प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का विरोध किया
दिपक दिक्षित ने अधिकारियों कि बोलती बंद करके रख दी।
घुग्घुस: शहरी क्षेत्र अंतर्गत में चार किलोमीटर दूर मुरसा,भद्रावती,बेलसानी चंद्रपुर, जहां मेसर्स मिलियन स्टील प्राइवेट। लिमिटेड कंपनी ने 2,31000 टीपीए स्पोंज आयरन और 2,64,000 बिलेट्स के उत्पादन के लिए 2×350 डीआरआई भट्टे तथा बार और तार, एंगल, बीम, चैनल आदि के उत्पादन के लिए स्टील प्लांट और 30 मेगावाट बिजली संयंत्र परियोजना प्रस्तावित की है।
इसके अनुसार, 30 मई को कंपनी के प्रस्तावित स्थल पर महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा पर्यावरण मुद्दों पर एक जनसुनवाई आयोजित की गई। महाराष्ट्र क्षेत्रीय नियंत्रण मंडल के उप क्षेत्रीय अधिकारी पाटिल की अध्यक्षता में आयोजित जनसुनवाई में मुरसा, बेलसानी, घुग्घुस, शेंगाव, येरुर, साखरवाही, मातरदेवी, ताडाली और अन्य गांवों के किसान सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों और राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
कंपनी को अपने संपर्क में आने वाले गांवों में जनसुनवाई की जानकारी प्रसारित करनी चाहिए। जनसुनवाई के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए नागरिकों ने जनसुनवाई में 90% अपना रोष व्यक्त किया।
चंद्रपुर से समाजसेवी दिपक दीक्षित ने महाराष्ट्र प्रदुषण नियंत्रण विभाग चंद्रपुर तथा कंपनी के अधिकारियों को सवालों के कटघरे में खड़े रहेकर सभी प्रशासकीय तथा स्टील कंपनी अधिकारीयों की बोलती बंद करके रख दिया। किसी अधिकारीयो से सही जवाब समय पर नही मिल रहा था।
दिक्षित ने प्रथम कंपनी के अधिकारी, पदाधिकारी से यह सवाल पुछा कि कंपनी के पास साफ्टवेयर का लायसेंस है ? EiA रिपोर्ट गलत है? कंपनी के अंदर गैस रिसाव,आग लगना ,आगजनी अदी कोई घटता के बारे में कोई जानकारी का मेन्सन नहीं है। कितने दुर तक इसका असर होगा इसका उल्लेन नही किया है।क्या,? वर्धा नदी से बायलर में डायरेक्ट पाणी लिया जाएगा। 26 गांवों 63416 लोकसंख्या उसमें से केवल 4 गांवों में 100 लोगों से पुछकर तय कर लिया है कि गांव में प्रदुषण नही होगा ? 9 पंचायत और psc सेक्टर है? Moef,ce नियम के हिसाब से 30% जनता से सर्वे करना क्या ?अनिवार्य है।
बंडु बरडे म्हातारदेवी निवासी कंपनी से सवाल किया कि गांव मे किसान पहले से फुलकों रेल्वे कोयला साइडिंग के प्रदुषण से तथा उसके तानाशाही से हम ञस्त हों गए है। हम किसानों कि सुनवाई कहीं नही हो रही है। समस्या पर नेता,अधिकारी अपनी चुप्पी साध रहे हैं।परेशानी में हमे कोई नेता ,अधिकारी साथ नही दे रहा है। प्रदुषण से फसल खराब हो रहा। खेती में जाने के लिए रास्ता रोका जा रहा। ऐसे परीस्थीती में हम सभी नागरिकों पर एक साथ बम फेंककर मार डालने का क्रोध सभी के सामने जताया।
स्कूल खोलने, दवाखाना, सीएसआर फंड से गांव का विकास करने,गांव के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने,खेती में फसल खराब होने पर प्रति एकर 30 हजार मुआवजा देने, वर्धा नदी में कि कमतरता नही होने देना, जानवर चिकित्सा उपलब्ध करने, प्रदुषण पर नियंत्रण करने, स्कूल खोलने अदी समस्या के बारे मे जनसुनवाई मे बात छेडी गई। इस समय दिपक दिक्षित चंद्रपुर,कांग्रेस अध्यक्ष राजूरेड्डी ने उद्योग में स्थानीय युवक-युवतियों को रोजगार देने तथा खेती न करने वाले किसानों को उचित पारिश्रमिक व मुआवजा देने की मांग की। पूर्व उपसरपंच सुधाकर बंदुरकर ने गांव को गोद लेने की मांग की। इससे स्पष्ट है कि नागरिक इस उद्योग के सख्त खिलाफ हैं। श्रमिक नेता सैयद अनवर ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी पर कड़ा प्रहार करते हुए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी पर खुलेआम भ्रष्टाचार का आरोप लगाया तथा प्रदूषण के लिए नागरिकों को जिम्मेदार ठहराने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी की तीखी आलोचना की। जनहितैषी इबादुल हसन सिद्दीक़ी ने कहा उद्योग कि ओर से शववाहीका,अंबुलेन्स दी जाती है परंतु शिक्षा, इलाज, बेरोजगारी ,पर किसी उद्योग का ध्यानाकर्षण नही होता है।
इस जनसुनवाई में ब्रिजभूषण पाझारे, भाजपा नेता नामदेव दाहुले, भाजपा नेता संजय तिवारी, संजय टीपले,रोशन पचारे,आशीष मासिरकर, सुधाकर बांदुरकर,गोहणे,संजय भोगळे,बंडु बरडे,मुढडाजी,चिन्नाजी नलभोगा,जनहितेशी इबादुल सिद्दीकी, शिवसेना नेता गणेश शेंडे, कांग्रेस जिला महासचिव अलीम शेख, कांग्रेस तालुका सचिव विशाल मदार, सोशल मीडिया जिला अध्यक्ष रोशन दंतालवार सहित बड़ी संख्या में नागरिक, किसान,नेता , कार्यकर्ता , किसान, मजदूर,अधिकारी, पदाधिकारी, समाजिक कार्यकर्ता,उपस्थित थे। यह जनसुनवाई कंपनी,उद्योग के विरोध में था।