वर्धा नदी में बहे गया वेकोलि मुगोलि का राफ्टर पुल

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वर्धा नदी में बहे गया वेकोलि मुगोलि का राफ्टर पुल



वेकोलि अधिकारी, जलसिंचन विभाग पर जिला प्रशासन से कार्रवाई कि मांग


घुग्घुस:
चंद्रपुर जिले के घुग्घुस में वर्धा नदी पर नकोडा -मुगोलि ,पैनगंगा,कोलगांव,वेकोलि कोयला खदान से कोयला परीवहन करने के लिए बनाया गया राफ्टर पुल पाणी के प्रवाह से गुरूवार कि रात बहे गया।
जिसमें वेकोलि कंपनी को करोड़ों रुपए माल का नुक़सान हुआ है ।परंतु रात इस हादसे में बडी जीवहानी होते होते टल गई है।
बताया जा रहा है कि तीन साल पहले वर्धा नदी पर बने मुगोलि पुल के झुकने से जिला प्रशासन ने भारी  वाहन को रहेदारी के लिए पुल से आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
परंतु खदान से कोयला परीवहन बाधित न हो जिसके कारण वेकोलि द्वारा कोयला परीवहन सुरू रखने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेकर नदी के बीच से होम पाईप और मिट्टी,रेत,डालकर राफ्टर पुल का निर्माण कर खदान से कोयला परीवहन कर रहा था।
परंतु यह पुल बरसात में अमन गमन के लिए धोकादायक होने से प्रशासन ने इस पुल को 31 मई तक सुरु रखने का आदेश वेकोलि प्रशासन को दिया था। लेकिन खदान से संबंधित वेकोलि अधिकारी, क्षेत्रीय ,उपक्षेत्रीय प्रबंधक और पाटबंधारे विभाग के मधुर संबंध के कारण राफ्टर पुल को नही हटाया गया।
जिससे गुरूवार कि रात नदी में अचानक पाणी का प्रवाह बढ गया।पाणी कि गती से होम पाईप सहीत पुल, मिट्टी ,रेत,पाणी मे बहे गया।
इस राफ्टर पुल को हटाने का मौका वेकोलि को  प्रशासन ने कई दिन से दिया गया था परंतु वेकोलि ने प्रशासन के खिलाफ अपनी मुजोरी लगातार जारी रखी थी।
केवल दिखावे के लिए वेकोलि ने दो-तीन दिन से नदी के किनारे पोकलॅड मशीन को खडी रखी थी।राफ्टर पुल को समय से पहले नही हटाने के कारण पुल पाणी में बहे गया।
इस घटणा से नदी मे पाणी प्रदुषित हुआ पर्यावरण के साथ मनुष्य,जलचरप्राणी का नुक़सान बताया गया है।नदी का प्रवाह बिगड़कर नदी में मिट्टी के भरने से गहेराई घट रही है। ग्रीष्मकाल में पाणी कि अधिक समस्या होती है।
नदी में राफ्टर पुल बहेने कि घटणा पिछले तीन वर्ष से वेकोलि द्वारा लगातार हो रही है।नागरिकों ने वेकोलि वणी क्षेत्र के क्षेत्रिय,उपक्षेत्रीय अधिकारी और पाटबंधारे,जलसिंचन विभाग चंद्रपुर पर कार्रवाई करने कि मांग जिला प्रशासन से कर रहे हैं।

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