घुग्घुस रेल्वे गेट मे जाम समस्या को लेकर महीलाओ का विरोध प्रदर्शन

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घुग्घुस रेल्वे गेट मे जाम समस्या को लेकर महीलाओ का विरोध प्रदर्शन



प्रशासन झुकी,दबाव में आकर आंदोलन कर्तोओ को तीन घंटे में जवादेही नोट लिखित स्वरूप में दे दिया।


शहर में प्रमुख समस्या पर कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ता ने भी अपने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोड सो पर उतरे


घुग्घुस : वणी-यवतमाल महामार्ग क्र 7 पर राजीव रतन रेल्वे गेट क्र 39 में पिछले चार वर्ष से रेल्वे उड़ान पुल निर्माण कार्य कछुआ गति से चल रहा।रेलवे गेट में पिछले चार वर्ष से होनेवाली जाम की समस्या लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। जान के साथ माल का भी नुक्सान पहुंचा है।
उक्त परेशानी से अब तक अनेक लोग दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो चुके हैं तो कुछ लोगों कि बड़े दुर्घटना में मौत हो चुकी है।
ऐसे में गेट पर अनेक वर्ष से होनेवाली समस्या
से जागृत होकर आखिर 16 आगस्त को रेल्वे प्रशासन और वेकोलि प्रशासन के खिलाफ स्थानीय नागरिक रोड पर भरे पाणी में उतरकर प्रशासन का जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बुढ़े, बच्चे,महीला,पुरुष सभी का हजारों कि संख्या में समर्थन प्राप्त हुआ।
आंदोलन का नेतृत्व करनेवाली सामाजिक कार्यकर्ता माला मेश्राम के साथ विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस, भाजपा ,शिवसेना,अन्य घटक दल के नेता,कार्यकर्ताओं ने भाग लिया था। संभवतः कि बात यह है की भाजपा कार्यकर्ता अपने सरकार के खिलाफ खुले सड़क में नारेबाजी सुरु कर दी,आपसी गुटबाजी से स्थानीय राजनीति में बहस सुरू होने जैसा माहौल बना रहा।
बताया जा रहा है कि घुग्घुस रेलवे गेट पर लगातार घंटों तक जाम लगने से सरकारी गैर सरकारी डिवटी पर जानेवाले,बाजार ,स्कूल छात्र,मरीज, कार्यलयीन,कर्मचारी ,स्थानीय नागरिक व अन्य लोगो को आने-जाने के लिए काफी समस्या का सामना करना पड़ता हैं।
हाल ही में कुछ महीने पहले गेट जाम होने के कारण एक दुर्देवी घटना ऐसे हुई की इलाज में देरी के कारण एक प्रेगनेंट महिला की मौत हो गई।जिससे शहर के महिला में आक्रोश और भी बढ गया।इसी घटना के कारण प्रशासन के खिलाफ आंदोलन बढ़कर महीला विरोध करने का मुख्य उद्देश रहा।
आंदोलन में स्थानिय सामाजिक कार्यकर्ता माला मेश्राम की प्रमुख भूमिका के साथ सभी ने सर पर काला फिता बांधकर ,स्टील कि थाली बजाते हुए रास्ते में पानी से भरे गड्ढे में उतरकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी सुरु कर दी।
उक्त समस्या से पिडीत नागरिक ने सामाजिक कार्यकर्ता माला मेश्राम के साथ पुर्व 18 जुलाई को जिल्हाधिस चंद्रपुर तथा रेल्वे प्रशासन,वेकोलि प्रशासन अदी संबंधित विभाग में निवेदन सौंपकर समस्या कि जानकारी दी थी। परंतु विभाग द्वारा समस्या पर कोई सुनवाई नहीं होने से छोटा आंदोलन विक्राल रुप ले लिया।
आंदोलन का नेतृत्व करनेवाली माला मेश्राम एक स्थानिक महीला “सामाजिक कार्यकर्ता” होने के कारण बुढ़े,बच्चे,जवान,महीला,पुरुष, हजारों कि संख्या में सामील हुए थे तथा सभी घटक दल का भारी प्रतिसाद मिला। लेकिन आंदोलन में सबसे बडी आश्चर्यचकित बात यह थी की सरकार चलाने वाले भाजप पार्टी के नेता स्वयंम अपने पार्टी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में खुले रोड पर उतर गए थे। क्योंकि केन्द्र सरकार से लेकर राज्य भर में और जिल्हा स्तर तक उनकि सरकारी गद्दी नशी पर है।
यहां पर यह भी देखा गया है कि भाजप के कुछ नेताओं ने आंदोलन में हिस्सा लिया तो कुछ बाहर थे।।इससे भाजपा में खुला गुटबाजी होने का संकेत मिल रहा था।या फिर ढकोसले बाजी थी आनेवाले स्थानीय निकाय चुनाव को देखकर बैरहाल समर्थन के लिए अलग-अलग तरीके से पैर फैला रहे हैं।आखीर प्रशासन आंदोलन कर्तोओ को आश्वासन देने के तीन घंटे बाद विरोध प्रदर्शन वापस लिया।
रेलवे प्रशासन और आंदोलन कर्तोओ में समन्वय बैठक होने के बाद जवाबदेही नोट लिखीत स्वरूप में दिया गया।
जवादेही नोट में नीचे दिए गए मुद्दे
मानसून बाद खराब सड़क कि मरम्मत कार्य 18 अगस्त से शुरू होगा।
लोहा,प्लेट उठाने के लिए क्रेन 25 आगस्ट पहुचेगी
रेलवे स्पैन लांचिंग 28 आगस्त से 28 सितंबर के बीच होगा।
प्रक्षेपण 28 नोव्हेंबर तक पुरा होगा।
डेक स्लैब कार्य 15 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
घुग्घुस से वणी तक यातायात दिसंबर 2025 के अंत तक शुरू हो जाएगा।
ऐसे आश्वासन संबंधित विभाग के सुबोध कुमार एडीएन बल्लारपुर मध्य रेल,
पी,श्रीकांत डीजीएम महारेल,बलबीर सिंह आरपीएफ पीआय चंद्रपुर,पिआय प्रकाश राउत घुग्घुस पुलिस थाना,अदी के उपस्थिति में आंदोलन कर्तोओ को आश्वासन पञ दिया।
उक्त निवेदन में कहा गया है कि यदी दिसंबर तक पुल का काम पुरा नहीं हुआ, तो समस्या को लेकर आगामी स्थानीय निकाय चुनाव मे राजनीतिक करनेवाले पर बडी गाज गीर सकती है।

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