सरदार पटेल महाविद्यालय, चंद्रपुर में पीएम ऊषा योजना के तहत संभाषण कौशल्य एवं सूत्र संचालन पर सर्टिफिकेट कोर्स संपन्न
विनोद कुमार तिवारी चंद्रपुर/ अभियान आज तक
चंद्रपुर, 11 सितम्बर 2025: सरदार पटेल महाविद्यालय, चंद्रपुर के हिंदी विभाग ने पीएम ऊषा योजना के अंतर्गत जागरूकता प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम के तहत “संभाषण कौशल्य एवं सूत्र संचालन की कला” पर 2 से 6 सितम्बर 2025 तक एक सर्टिफिकेट कोर्स का आयोजन किया। इस कोर्स में बी.ए., बी.कॉम., बी.एससी., और एम.ए. हिंदी के 25 से अधिक विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और सूत्र संचालन की बारीकियों का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रख्यात वक्ताओं श्री नासिर खान, सुश्री रजनी पाल, और कल्याणी कौसारे ने अपनी विशेषज्ञता से विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ हिंदी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. सुनीता बनसोड ने किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा, “सूत्र संचालन की कला न केवल मंच संचालन तक सीमित है, बल्कि यह व्यक्तित्व विकास और प्रभावी संचार का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह कोर्स विद्यार्थियों को आत्मविश्वास, नेतृत्व कौशल और संचार की कला में निपुण बनाएगा।”
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पी. एम. काटकर ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा, “सूत्र संचालन की कला आधुनिक युग में करियर निर्माण और सामाजिक आयोजनों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह कोर्स विद्यार्थियों को न केवल मंच पर प्रभावी प्रस्तुति के लिए तैयार करेगा, बल्कि उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा।”
प्रख्यात वक्ता श्री नासिर खान ने अपने सत्र में सूत्र संचालन को एक कला और विज्ञान का संगम बताया। उन्होंने कहा, “एक कुशल सूत्र संचालक मंच का वह आधार होता है, जो आयोजन को जीवंत और दर्शकों को जोड़े रखता है। इसके लिए आत्मविश्वास, समय प्रबंधन और दर्शकों के साथ तालमेल स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है।” उन्होंने विद्यार्थियों को मंच पर सहजता, स्पष्ट उच्चारण और प्रभावी प्रस्तुति के गुर सिखाए।
सुश्री रजनी पाल ने हिंदी भाषा की शुद्धता और उसकी प्रभावशीलता पर बल देते हुए कहा, “सूत्र संचालन में भाषा का सही प्रयोग और शुद्ध उच्चारण मंच की गरिमा को बढ़ाते हैं। एक अच्छा संचालक अपनी भाषा और शैली से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर सकता है।” उन्होंने औपचारिक और अनौपचारिक आयोजनों के लिए संचालन की विभिन्न शैलियों पर व्यावहारिक सुझाव दिए और विद्यार्थियों को भाषाई शुद्धता के प्रति जागरूक किया।
कल्याणी कौसारे ने सूत्र संचालन में रचनात्मकता और जीवंतता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “एक सूत्र संचालक को कहानीकार की तरह होना चाहिए, जो हास्य, कविता और रोचक तथ्यों के माध्यम से दर्शकों का ध्यान आकर्षित करे। मंच पर आत्मविश्वास और व्यक्तित्व का प्रभाव दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ता है।” उन्होंने मंचीय भय को दूर करने और प्रस्तुति को आकर्षक बनाने के लिए व्यावहारिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया।
संस्था के अध्यक्ष श्री नामदेवराव पोरेड्डीवार ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा, “सरदार पटेल महाविद्यालय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। यह सर्टिफिकेट कोर्स विद्यार्थियों को संचार कौशल और नेतृत्व क्षमता प्रदान कर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
कार्यक्रम के समापन पर डॉ. शैलेन्द्र कुमार शुक्ल ने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजन समिति के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह कोर्स विद्यार्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर रहा, जिसने उनके संचार कौशल को निखारा और उन्हें मंच पर प्रभावी प्रस्तुति के लिए तैयार किया।”
आयोजन की सफलता में प्राध्यापिकाओं प्रा. रीता पाठक, प्रा. प्रणिता गडकरी, प्रा. माधुरी कटकोजवार, प्रा. अश्विनी शाकीनाला और शैलजा ठमके का योगदान सराहनीय रहा। इनके प्रयासों से कार्यक्रम का सुचारू संचालन और विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन संभव हुआ।
प्रतिभागी विद्यार्थियों ने इस कोर्स को अत्यंत उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उन्हें न केवल सूत्र संचालन की तकनीकों का ज्ञान हुआ, बल्कि आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल में भी वृद्धि हुई। समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए।
यह कोर्स पीएम ऊषा योजना के तहत शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ। विद्यार्थियों और प्राध्यापकों ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे भविष्य में भी जारी रखने की मांग की।










