*जमाअत–ए–इस्लामी हिंद का देशव्यापी पड़ोसियों के अधिकार मुहिम*

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*जमाअत–ए–इस्लामी हिंद का देशव्यापी पड़ोसियों के अधिकार मुहिम*

न्दिल्ली:- जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सय्यद सआदतुल्लाह हुसैनी ने आदर्श पड़ोसी, आदर्श समाज के नारे के साथ पड़ोसियों के अधिकारों को लेकर दस-दिवसीय देशव्यापी मुहिम शुरू करने की घोषणा की है। यह मुहिम २१ से ३० नवम्बर २०२५ तक पूरे देश में चलेगी, जिसका उद्देश्य पड़ोसियों के प्रति अच्छे व्यवहार और मरऊवत की भावना को फ़िर से जगाना और सामाजिक संबंधों को मजबूत करने के लिए जागरूकता पैदा करना है।

अपने वक्तव्य में जमाअत के अध्यक्ष ने कहा, इस्लाम पड़ोसियों के अधिकारों को बहुत महत्त्व देता है और इसी पर सामाजिक एवं वयक्तिगत संबंधों का आधार होता है। उन्होंने हज़रत जिब्रील के हवाले से कहा कि वे पड़ोसी पुश्तैनी हक़ देने की हद तक पड़ोसी के प्रति नेक व्यवहार की बार-बार ताकीद करते रहे। हज़रत ‘अक़स’ ऐलवस के साथ, निकट पड़ोसी को भी शामिल किया है और दूर रहने वाले लोगों के साथ भी अच्छा व्यवहार करने का आदेश दिया गया है, जिसमें सहकर्मी, मददगार और यहां तक कि सड़क पर हमारे साथ चलने वाले लोग भी शामिल हैं।

इस मुहिम के ज़रिए, हम मुसलमानों के इस मूलमंत्र (उपदेशों) की याद दिलाना चाहते हैं और उन्हें अच्छे पड़ोसी बनने के लिए प्रेरित और जागरूक करते हैं, ताकि उनके सामने इस्लाम का सही चेहरा पेश किया जा सके।

सय्यद सआदतुल्लाह ने कहा, अच्छा दोस्त और अच्छा पड़ोसी, समाज अपने आप में ही दावत का ज़रिया है। हम अपने पड़ोसी एक-दूसरे के साथ दया, करुणा और सहानुभूति से पेश आएं, तो इससे उठने वाली लहर पूरे समाज को परिवर्तित कर देती है। हमें उम्मीद है कि यह मुहिम में बहुत उपयोगी होगी और पड़ोसियों के अधिकारों और सामाजिक ज़िम्मेदारी जैसे इस्लामी उसूलों को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।

पड़ोसियों के प्रति इस्लाम की शिक्षा पर आधारित दो पड़ोसियों की हदीसों की पुस्तिका इस मुहिम के राष्ट्रीय स्तर पर जारी की जाएगी।

इस मुहिम का उद्देश्य आपसी हमदर्दी, सहयोग, साफ़-सफ़ाई और ट्रैफिक डिसिप्लिन को बढ़ावा देना है। जिसे इस्लाम अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी मानता है। इस मुहिम में कई तरह के कार्यक्रम होंगे, जैसे सभी धर्मों के पड़ोसियों के साथ मीटिंग, खाना समाज, महिलाओं और युवाओं के लिए विशेष प्रोग्राम, मोहल्लों में सफ़ाई मुहिम, ट्रैफिक के अधिकारों पर जागरूकता रैली, और रचनात्मक प्रतियोगिताएँ। विभिन्न वर्गों के बीच ताल्लुक़ मज़बूत करने और इस्लाम के बारे में गलतफहमियों को दूर करने के लिए गैर-मुस्लिम भाइयों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

इस मुहिम में अच्छे पड़ोसी बनने के लिए करुणा, सहयोग, सफ़ाई, अनुशासन और सामाजिक ज़िम्मेदारियों को शामिल किया जाएगा और इस्लामी शिक्षाओं पर आधारित विचारधाराएँ भी फ़्लैश-कार्ड के रूप में प्रस्तुत की जाएंगी।

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