नैनीताल की तरह विकसित हुआ अमलनाला डैम

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नैनीताल की तरह विकसित हुआ अमलनाला डैम

उद्यान के निर्माण से बढा सौंदर्य..
पर्यटकों की उमड़ रही है भीड़..


चंद्रपुर_ कोरपना तहसील के गडचांदूर के समीपस्थ पहाड़ियों के बीच स्थित अमलनाला बांध का सौदर्य अब देखते ही बनता है. पर्यटकों के लिए यह क्षेत्र अब आकर्षण का केन्द्र बन गया है. यहां 7 करोड़ की लागत से निर्मित उद्यान ने परिसर का सौदर्य बढा दिया है.

दीपावली अवकाश के समय यहां बडी संख्या में पर्यटकों की भीड़ जुटी. ग्रीष्मकाल में यह क्षेत्र पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहेगा इसमें दो राय नहीं है.
उल्लेखनीय है कि अमलनाले का जल स्थानीय उद्योगों, किसानों और मछुआरों के लिए काम आता है. यहां के कुदरती सौंदर्य को देखते हुए इस क्षेत्र को पर्यटनस्थल के रूप में स्थापित किया गया है.
जिले में ताड़ोबा अंधारी बाघ परियोजना, बल्लारपुर में बाटनिकल गार्डन के बाद अब अमलनाला बांध के विकास के बाद तीसरा ऐसा क्षेत्र बन गया है जहां पर्यटकों को मनोरंजन का काफी कुछ मौजूद है.
अमलनाला बांध गड़चांदूर शहर के समीपस्थ माणिकगड़ टेकडियों से जुड़ा हुआ है. प्राकृतिक रूप से उंची टेकडियों से बहता हुआ पानी यहां रोका जाता है.

ऐसी स्थिति नैनीताल स्थित झीलों की जहां पहाड़ियों से उतरकर जल झीलों में जमायू होता है. कुदरत के इस अदभुत सौंदर्य को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है.

उद्यान के निर्माण के बाद जिले में अमलनाला बांध पर्यटकों के आकर्षक का केन्द्र बन गया है. चारों और घना जंगल और पहाड़ों के बीच बांध का लुत्फ लेने दूर दूर से पर्यटक आ रहे है.

यहां कुछ दूरी पर ही माणिकगड़ किला है, किले के बाहर भगवान विष्णू का मंदिर जो नक्काशी कर बड़ी शिलाओं से बनाया गया है. अमलनाला प्रकल्प के पास ऐतिहासिक माणिकगड किला, विष्णू मंदिर, शंकरदेव मंदिर, बौध्द भूमि है.

पर्यटक वर्ष भी इस पर्यटन स्थल पर आते है. अमलनाला का विकास कर यहां रिसोर्ट, बोटिंग, भव्य उद्यान निर्माण किया गया है आदिवासी क्षेत्र में रोजगार का अवसर बड़े पैमाने पर उपलब्ध होकर शासन को राजस्व मिलेगा.

यहां उद्यान में वॉटरपार्क, बोटिंग, बच्चों के लिए खेलकूद और मनोरंजन के साधन, वॉच टॉवर समेत विभिन्न ऐसी सुविधाएं जो पर्यटकों को यहां समय बीताने और मनोरंजन प्राप्त करने के लिए विवश कर रही है. दीपावली अवकाश में हजारों पर्यटकों ने यहां आकर उद्यान का आनंद लूटा.

आनेवाले ग्रीष्मावकाश में यहां भीड़ देखते ही बनेगी. इस उद्यान को निजी ठेकेदार के माध्यम से संचालित किया जा रहा है. सरकार को इससे प्रतिवर्ष 10 लाख रुपये की आय प्राप्त हो रही है.

यहां लगभग 7 करोड़ की लागत से निर्मित उद्यान के निर्माण में पाटबंधारे विभाग के अधीक्षक अभियंता पदमाकर पाटिल, कार्यकारी अभियंता श्यामसुंदर काले, रवींद्र उराडे, उपविभागीय अधिकारी सैय्यद आमिर, शाखा अधिकारी दीप्ति तेलंग की टीम ने अपना योगदान दिया. सामाजिक कार्यकर्ता इबादुल सिद्दीकी जनहितैषी के अथक प्रयास रहे मा मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री पर्यटन मंत्री जिले पालक मंत्री मा ना सुधीर मुनगंटीवार से सतत पत्र व्यवहार कर कोशिश की उद्यान के लिए 7 करोड की निधि उपलब्ध कराने में एवम् पर्यटन क्षेत्र की मंजूरी के लिए २०१४ से अथक प्रयास रहे समाजसेवी इबादुल सिद्दीकी का भी योगदान रहा.

जिन्होने जनप्रतिनिधियों से निरंतर पत्राचार कर निधि आवंटित करने का प्रयास किया.

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