राजुर-भांदेवाडा कोयला खदान में अवैध वसुली बाज शब्बीर कि मनमानी
अधिकारीयों कि मिलीभगत से शब्बीर कि अवैध वसूली सुर्खियों में
वणी: वेकोलि वणी नार्थ भालर क्षेञीय प्रबंधक अंतर्गत में आनेवाली राजुर-भांदेवाडा भुमीगत कोयला खदान भ्रष्ट अधिकारी तथा अवैध वसुली बाज मजदूरों के कारण बंद होने के कागार पर है। क्षेत्र में तीन दशक पुर्व सुरु हुई पुरानी भुमीगत कोयला खदान में कोयलें का उत्पादन लक्ष्य पुरा नही हो रहा। परंतु खदान को पिछले कई वर्ष से नुक़सान में चलाया जा रहा है। पुरानी खदान में कुछ भ्रष्ट अधिकारी और कामचोर मजदूरों के कारण वेकोलि वणी नार्थ से वेकोलि कंपनी को करोड़ों अरबों का नुक़सान सहना पड़ रहा है।
खदान मे मजदूरों के जान के साथ खिलवाड़
भांदेवाडा भुमीगत कोयला खदान के अंदर बार बार पाणी भरने, गैस का रिसाव होने, मिट्टी सरकने,गीरने, जैसे घटणाए कई बार हुई है। खदान में मजदुरो के साथ अक्सर जान का खिलवाड़ किया जा रहा है। कोयला खदान में काम करने वाले मजदूर का कौनसा दिन आखरी हो जाए यह बात किसी को नही पता होता। खदान के अंदर काम करनेवाले मजदूर रोजाना जमीन से कई फिट अंदर तक कोयले कि खोदाई करतें समय खतरों सामना करते हैं। खदान के अंदर पाणी के बढ़ने और गैस रिसाव होने, खदान का खराब पाणी पीने से दम घुटकर मरने कि संभावना हमेशा बनी रहती है।ऐसे मामले खदान के अंदर कई बार आ चुके हैं। मजदूरों के साथ कंपनी के अधिकारी शोषण कर रहे हैं।
जनरल मजदूर शब्बीर(बाबु) कि अवैध वसूली खुलेआम
शब्बीर भांदेवाडा भुमीगत कोयला खदान में जनरल मजदूर के बेस पर लगा है। परंतु खदान में कुछ भ्रष्ट अधिकारी तथा लापरवाही, मिलीभगत के चलतें शब्बीर अपने मनमर्ज़ी से (बाबु)बिलिंग सेक्शन में कार्य करते हुए दिखता है। यहां राजुर सब एरीया आफीस से लेकर कांटा घर तक जबरन वसुली का बडा रैकेट चलता है।यह पैसा शब्बीर से लेकर अधिकारी तक बटता है।ऐसे आरोप खदान से संबंधित कुछ लोगों ने अधिकारी,कर्मचारी पर लगाया हैं।सुत्रो से मिली जानकारी अनुसार शब्बीर द्वारा प्रायवेट ठेकेदार,कोल ट्रान्सपोर्टर,बस चालक तथा मजदूरों से कंपनी में बिल पास कराने के लिए साइनिंग अमाउंट कि डिमांड करते हैं। पैसे नहीं देने पर बिल पास नही कराने के लिए धमकी देते हैं। खदान में शब्बीर कि अवैध वसूली क्षेत्रीय जिम्मेदार अफसरों कि धांधली तथा निष्क्रियता के कारण खदान बंद होने के कगार पर है। खदान में अधिकांश समय मजदूर, खदान संबंधित अधिकारी अपनें कार्य स्थल से नादारत रहेते है। राजुर कार्यालय में पेंशन और अदी कामकाज के लिए किसी व्यक्ति द्वारा जाने पर अधिकांस समय अधिकारी कुर्सी से गायब रहेते है। आफीस में किसी तरह का कागज़ी कामकाज के लिए जाने पर काम के लिए टालमटोल किया जाता है। खदान मे अधिकांश समय हाजरी लगाकर दफ्तर से बाहर घुमते हुए नजर आते हैं। जिसके कारण नुक़सान में चल रही भांदेवाडा भुमीगत खदान बंद होने कि दशा पर है। खदान का रखरखाव, लक्ष्य, कोयला उत्पादन, खर्च अदी लेखा-जोखा जांच के लिए विजीलेंस टीम आती ज़रूर है।परंतु खदान में पहुंचने बाद विजीलेंस अधिकारी खाली सवालो का जवाब लेकर बगैर किसी कारवाई करे खाली हाथ लौट जाते है। परंतु खदान में विजीलेंस ,सीबीआई, अन्य किसी उच्च स्तरीय अधिकारी कि गहराई से जांच नहीं हुई। खदान में गहराई से जांच कर भ्रष्ट अधिकारी पर कार्रवाई करने कि मांग सामाजिक कार्यकर्ता तथा नागरिको ने शासन , प्रशासन से कि है।